यदि आप सज्जन बनना चाहते हैं तो निम्न लिखित काढ़े का सेवन करने से आपके जीवन में शीघ्रातिशीघ्र सज्जनता आ सकती है।
आवश्यक सामिग्री:
सच्चाई के पत्ते एक तोला, ईमानदारी का जड़ ढाई तोला, उदारता का अर्क एक बड़ी चम्मच, परोपकार का बीज तीन तोला, रहम दिल का छिलका दो तोला, दानशीलता का सिरका तीन चम्मच, सत्संग का रस एक बड़ी चम्मच।
बनाने की विधि:
इन सभी सामिग्री को परमात्मा की हाँढ़ी में पकाकर, शुद्ध मन के कपड़े से छानकर, मस्तिष्क की शीशी में भर लें।
सेवन विधि:
इसको प्रतिदिन संतोष के गुलकन्द के साथ, इन्साफ की चम्मच से तीन बार सुबह, दोपहर, शाम को लें।
परहेज:
क्रोध की मिर्च, अहंकार का तेल, स्वार्थ का घी, धोखे का पापड़ इन सबसे परहेज करना है।
परिवार वही जिन्दा है जिसका इकलास जिन्दा है।
साहूकार वही जिन्दा है जिसका विश्वास जिन्दा है।।
ये जिन्दगी की निशानी होती है दोस्तों।
कौम वही जिन्दा है जिसका इतिहास जिन्दा है।।
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