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जाट भाईयों से निवेदन

प्रायः सभी जाट भाई अपने समाज के लिये संगठित हैं। हमारे भाई हमारा समाज देश के कोने-कोने में फैला होते हुए भी पूर्णरूपेण एक सूत्र में संगठित नहीं है। हर नगर, हर गाँव में दलबदलू पार्टीवादी एक दूसरे की उन्नति को देख नहीं सकते। समाज का पूर्णरूपेण उत्थान नहीं हो पाता। अतः सभी बन्धुओं को अपने हृदय से दलबदली नीति को समाप्त करना चाहिए और अपने समाज को सुदृढ़ बनाते हुए निम्न कार्यों को यथाशक्ति सम्पन्न करना चाहिए।


1. नगर के प्रत्येक जाट भाई को एकत्रित होकर अपने सजातीय नेता राजा, देशभक्त हर निर्माण दिवस व जन्मदिवस की जयन्ती यथाशक्ति मनानी चाहिए।


2. अपने मनमुटावों को दूर करके समाज को मजबूत बनाने का हर सम्भव प्रयास करना चाहिए।


3. अपने सजातीय गरीब भाई के उत्थान में यथाशक्ति सहयोग प्रदान करके उसे मजबूत बनाने का प्रयास करें।


4. मृत्यु भोज का त्याग करें, न ऐसे आयोजन करें।


5. मृत्यु पश्चात् अन्तिम यात्रा में सभी भाई सम्मलित हों और सूचना मिलने पर आपस में एक दूसरे को सूचित करें।


6. सभी सजातीय भाई कन्या विवाह और रस्म पगड़ी (पाग) के आयोजन में बगैर बुलाये ही जायें।


7. अपने समाज के कमजोर बन्धुओं, विद्यार्थियों को सहायता प्रदान करने के लिये जाट सभा में कोष की स्थापना करें।


8. वर्ष में एक बार नगर के वयोवृद्ध सजातीय भाई और मेघावी छात्र/छात्राओं एवं प्रगतिशील जाट भाईयों को सम्मानित करने का आयोजन आयोजित करें।


9. सभी तामसिक वस्तुओं, मांस-मदिरा, अण्डा, भांग आदि वस्तुओं का - त्याग करें और दूसरे भाई को त्याग करने के लिये प्रेरित करें।


10. अपने बच्चों को आगे बढ़ाने और उच्च शिक्षा प्रदान करने में भरपूर सहयोग करें। 


11. घर के मांगलिक कार्य, लड़के का जन्मदिन, लड़के का विवाह आदि में संगठन में दान दें।

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