एक बार एक चिड़िया ने कुछ हटकर करने की सोची और भंयकर जाड़े में निकल पड़ी ध्रुवों की ओर। रास्ते में उससे सर्दी सहन न हुई और उसके पंख अकड़ने लगे। धीरे-धीरे उसके पूरे शरीर पर बर्फ की परत जम गई और वह सर्दी से बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ी।
तभी एक घोड़ा वहाँ से गुजरा और उस पर अपना बहुत सा चारा गिराकर चला गया। चारे की गर्मी से चिड़िया को होश आ गया और वह जान बचने की खुशी के मारे चहकने और गाने लगी।
उसी वक्त वहाँ से एक बिल्ली गुजर रही थी। उसने सड़क पर पड़े चारे के ढेर के नीचे से आती चिड़िया की आवाज सुनी
और चारा हटाकर चिड़िया को एक ही बार में खा डाला।
1. अपने लक्ष्य हमेशा अपनी सामर्थ्य के अनुसार बनायें।
2. जिसके कारण आप अचानक किसी बोझ से दब जाते हैं, वह जरूरी नहीं कि आपका दुश्मन ही हो।
3. जो आपको उस बोझ से मुक्त करता है, वह जरूरी नहीं कि आपका भला चाहता हो।
4. अगर आप भूसे (चारा) जैसे बेवकूफों के बीच में हैं और खुश हैं, तो बेहतर है कि अपना मुँह बन्द रखें।
संकलनकर्ता - श्री राधेश्याम चौधरी
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