मुस्कराहट, घर में सुख, व्यापार में ख्याति और मित्रों में प्रेम उत्पन्न करती है। ये थके हुए व्यक्ति को गुलाब के फूल, हतोत्साही के लिये जाड़ों की धूप और कष्ट पाने वाले व्यक्ति को आशा की किरण प्रदान करती है। अत: प्रत्येक कार्य मुस्कराहट के रंग में डूबकर करना चाहिए।
मनुष्य ने भाग्य तथा दुर्भाग्य का विकास न तो किया है और न कभी करेगा। अरे ये तो मिथ्या कल्पना है। वही असफल होता है जो भाग्य के भरोसे पड़ा रहता है। सक्रियता भाग्य को जगाती है। क्रियात्मक शक्ति को बलमत बनाती है, सकारात्मक बनें और विशेष मनुष्य का दर्जा ग्रहण करें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें